अगर आप जिम ज्वॉइन करने के बारे में सोच रहें हैं तो रखें इन बातों का ध्यान
लोकवाद, जबलपुर | रोहित विश्वकर्मा
- जिम ज्वाइन करने से पहले कराएं मेडिकल टेस्ट, उसी के अनुसार करें एक्सरसाइज
- मेडकल हिस्ट्री जानना जरूरी: हार्ट की फैमिली हिस्ट्री रही हो तो बरतें सावधानी
- विशेषज्ञ व डॉक्टर की सलाह के बिना न लें मेडिकल सप्लीमेंट्स
- एक्सरसाइज से हार्ट अटैक नहीं आता, बल्कि सही तरीके से न करने के कारण आता है
कोरोना के बाद से फिटनेस को लेकर आजकल हर युवा वर्ग में अपने स्वास्थ्य और बॉडी फिटनेस को लेकर ज्यादा गंभीर होते देखा जा रहा है। यह गंभीरता आज के समय में युवाओं के साथ-साथ बड़े बुजुर्गों और छोटे-छोटे स्कूली बच्चों में देखी जा रही है।
फिटनेस आज के समय में एक हर युवा वर्ग का लाइफ ऑफ स्टाइल बन गया है। जहां फिल्मी और टीवी एक्टरों को देखकर लोगों के मन में हीरो जैसी फिटनेस की चाह दिन व दिन बढ़ती जा रही है। इसी चाहत के चलते वे जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में ऐस्टोराइट और हैवी एक्सरसाइज के साथ-साथ स्ट्रेस भी ले रहे हैं। जो कि किसी न किसी दिन बॉडी को नुकसान ही पहुंचाती है।
जल्दी रिजल्ट के चक्कर में लोग अपनी बॉडी के साथ ओवर एक्सरसाइज करते हैं या ओवर डाइट के साथ-साथ अधिक मात्रा में प्रोटीन और बिना विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाय लिए मेडिकल सप्लीमेंट्स भी लेते हैं। इन सब चीजों को जब एक साथ शरीर में डाला जाता है तो बॉडी को किसी-न किसी रूप में हानि ही पहुंचती है।
इन्ही सबके चलते आज के समय में हमें 25 से 40 वर्ष के लोगों में भी हार्ट-अटैक आने की खबरे सुननी मिल रही है। जिससे लोगों में एक प्रकार का डर बैठ गया है कि एक्सरसाइज करने से हार्ट अटैक आ रहें है जो कि सरासर गलत हैं। यदि सही तरीके से एक्सरसाइज की जाए और शरीर में सप्लीमेंट्स डॉक्टर- विशेषज्ञ की सलाह से लिए जाएं तो हार्ट-अटैक एक्सरसाइज से नहीं आ सकता बल्कि हार्ट-अटैक आने की संभावना न के बराबर रहेगी। आईए जानते हैं हमें किन -किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
ओवर वेट ट्रेनिंग
अक्सर लोग दुबले होने और जल्दी से 6 एब्स बनाने के चक्कर में ओवरवेट ट्रेनिंग कर जाते हैं और उन्हें पता ही नहीं चलता है। इसीलिए हमें विशेष तौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी जिम में 1 से 1:30 घंटे जिम में या बाहर एक्सरसाइज करनी चाहिए। इसके साथ ही अपने खान-पान को कम नहीं करना चाहिए। बल्क खाना हमेशा अच्छा और ज्यादा ही खाना चाहिए।
स्ट्रेस न लें और नींद पूरी लें
जरूरत से ज्यादा तनाव, स्ट्रेस और नींद की कमी से जूझ रहे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। इसीलिए एक्सपर्ट्स की मानें तो हमें नींद भरपूर मात्रा में लेना चाहिए। कम से कम हमें 6 घंटे की अच्छी नींद लेना चाहिए। और स्ट्रेस जयादा नहीं लेना चाहिए। मेंटल स्ट्रेस कार्डियक अरेस्ट का भी कारण हो सकता है।
खान-पान पर रखें ध्यान
लगातार बिगड़ रही लाइफस्टाइल और खाने पीने के तरीके के चलते भी हार्टअटैक का एक और कारण है। जरूरत से ज्यादा नशा करना, स्मोकिंग करना या फिर जंक फूड खाना भी आपके दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा कई लोग जिनमें इंटेंस एक्सरसाइज करते हैं जबकि उनकी बॉडी ऐसा करना अलाउ नहीं करती यह भी हार्टअटैक को न्योता देता है। इसीलिए हमें हैल्दी फूड खाना चाहिए और बाहर का पैक्ड खाना खाने से बचना चाहिए।
क्या दिल के लिए कार्डियो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बेहतर है?
बहुत सारे दावे हैं जो कहते हैं कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कार्डियो से बेहतर है। पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह दोनों ही एक्सरसाइज एक दूसरे की को कंप्लीमेंट करती हैं। और दोनों को रेगुलरली किया जाना चाहिए। हालांकि उन लोगों को कार्डियो एक्सरसाइज और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कम करनी चाहिए या इससे बचना चाहिए जिनमें हार्ट की फैमिली हिस्ट्री रही है। जब भी आप जिम जाएं तो यह बहुत जरूरी है कि अपने ट्रेनर को अपनी फैमिली हिस्ट्री और अपनी बीमारियों के बारे में जरूर बताएं। कई बार इन बीमारियों के बारे में छुपा ले जाना आपके लिए जानलेवा हो सकता है। खास तौर पर कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का सबसे ज्यादा असर आपके दिल पर पड़ता है जो बाद में हार्ट अटैक बनकर सामने आता है।
मेडिकल टेस्ट है जरूरी
जिम में आने वाले हर व्यक्ति को हम लोग पहले ही संपूर्ण मेडिकल टेस्ट कराने के लिए कहते हैं जिससे उनकी पूरी हैल्थ की जानकारी हमें मिल जाती है उसके अनुसार ही हम उनकी एक्सरसाइज रि-प्लान करते हैं और डाइट चार्ट बनाते हैं।
-आशीष विश्वकर्मा, जिम ट्रेनर
बॉडी का मेजरमेंट है जरूरी
जिम में आने वाले हर व्यक्ति को हम शुरुआती दौर में उनकी बॉडी टाइप के अनुसार ही एक्सरसाइज करवाते हैं और उन्हें 1 से 2 हफ्ते लाइट वेट ट्रेनिंग ही कराते हैं। बॉडी ढलने के बाद ही उनकी ट्रेनिंग शेड्यूल में चैंज कराया जाता है। इसके साथ ही उन पर नजर रखते हैं कि गलत एक्सरसाइज ने करें। हमारे यहां प्रतिदिन मेजरमेंट लेकर ही एक्सरसाइज करवाई जाती है।
-राजेश चौधरी, जिम ट्रेनर
ईगो वेट लिफ्टिंग से रहे दूर
जो भी व्यक्ति जिम में आता है पहले ही दिन से उसे हैवी वैटर उठाने की होड़ रहती है जो कि सरासर गलत है। हम जिम में वेट ट्रेनिंग इसी बात की कराते हैं कि कब, कितना और कैसे वैट उठाना है। जिम में कई लोग ईगो वेट लिफ्टिंग भी करते हैं जो कि गलत है। लड़कियों को लड़कों को जल्दी रिजल्ट चाहिए होते हैं जिसके लिए वे किसी भी मेडिकल सप्लीमेंट को लेने उतावले रहतेे है वजाय उसके बारे में जानने की उसमें क्या इनक्रिडियंस हैं। हम जिम में सभी को बैसिक डाइट चार्ट प्लान प्रोवाइड कराते हैं। जिम में एक्सरसाइज शेड्यूल भी बनाकर देते हैं।
-सौरभ डेविड, जिम ट्रेनर


