
कटनी। कुठला पुलिस ने एम्बूलेंस ड्रायवर की हत्या करने वाले आरोपी को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। कुठला पुलिस ने चन्द घण्टो में ही हत्याकाण्ड का खुलासा कर दिया है। आप को बता दें की गत 27 मई 2025 को थाना कुठला क्षेत्रान्तर्गत कटनी मैहर हाईवे पर मोहन नगर तिराहा के पास आनंद धर्म कांटा के सामने मेन रोड के किनारे झुकेही में एम्बूलेंस में एक व्यक्ति का शव मिला था। मौके पर मृतक अजय चौधरी पिता राजेश चौधरी उम्र 25 साल निवासी ग्राम लम्हेटा थाना भेड़ाघाट जिला जबलपुर का शव एंबुलेंस के अंदर से बरामद किया गया था।
शव पहुंचाने गया था मृतक
उक्त मृतक एंबुलेंस चालक विगत 26 मई को सरदार सिंह का शव मेडिकल कॉलेज जबलपुर से लेकर ग्राम मल्हान मैहर पहुँचाने गया था। वापसी में एम्बूलेंस मोहन नगर में आनंद धर्मकांटा के सामने रोड के किनारे खड़ी पाई गई। ड्रायवरअजय चौधरी एम्बुलेंस की सीट के बीच पीछे पड़ा था। मृतक के गले मे गमछा बंधा था। गमछे का एक छोर स्टेयरिंग पर बंधा था। जिससे एम्बुलेंस के ड्राईवर अजय चौधरी की मृत्यु हो गयी थी। सूचना पर तत्काल मौके में पहुँचकर स्थल निरीक्षण करते हुए वरिष्ट अधिकारियों के मार्गदर्शन में किया व मर्ग पंजीबद्ध कर जाँच शुरू की गई।
साथी पर हुआ संदेह
घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया गया। परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं घटनास्थल के निरीक्षण से पाया गया कि किसी व्यक्ति द्वारा एम्बूलेंस ड्रायवर अजय चौधरी की गले में गमछा का फंदा लगाकर हत्या की गई है। अजय चौधरी की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जिसके पश्चात कुठला थाना प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र मिश्र के द्वारा सुसंगत धाराओं में हत्या का अपराध दर्ज कर कार्यवाही करते हुये अपनी टीम के साथ संदहियों से पूछताछ की गई। जिसमें सर्वप्रथम यह तत्थ प्रकाश में आया कि एम्बूलेंस ड्रायवर के साथ ग्राम शिवपुरी थाना रीठी निवासी शिवेन्द्र सिंह वापसी में साथ आया था। जिसका मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया। घटना के बाद वह फरार हो गया था। जिसके कारण शिवेन्द्र सिंह के ऊपर संदेह गहराया और पुलिस द्वारा उसकी तलाश शुरू की गई। आज 29 मई 2025 को रात्रि 02 बजे ग्राम महगवा से उसे गिरफ्तार किया गया।
लेनदेन को लेकर हुआ विवाद
पूछताछ के दौरान संदेही शिवेन्द्र उर्फ सहरूख पिता जहांन सिंह गोंड़ उम्र 21 वर्ष निवासी शिवपुरी थाना रीठी ने बताया कि इसकी चचेरी बहिन के ससुर सरदार सिंह का रोड एक्सीडेन्ट में मृत्यु हो गई थी। जिनके शब को मेडीकल कालेज जबलपुर से उनके गृह ग्राम मल्हान पिपरिया मैहर एम्बुलेंस नम्बर MP20 BA6736 से बुक करके 7200 रूपये में ले जा रहे थे। शव के साथ मैं और शैलेन्द्र, एम्बुलेंस का चालक अजय चौधरी था।
साथ में पी शराब
गत 26 मई को रात्रि करीब 10 बजे वे लोग ग्राम मल्हान पिपरिया पहुंचे थे। जहाँ पर ड्रायवर के साथ पैमेन्ट को लेकर तकरार हुई थी, जिसके बाद शैलेन्द्र वही रूक गया था। शिवेन्द्र ड्रायवर के साथ उसी एम्बुलेंस में बैठकर कटनी आ रहा था। रात्रि करीब साढ़े दस बजे अमदरा टोल नाके के पहले रोड किनारे की कलारी (शराब दुकान) से अपने और ड्रायवर अजय चौधरी के लिए शराब खरीदी। दोनो ने शराब पी और वही पर रुके रहे। जिसके बाद फिर से वहाँ से दोनों चल दिये। इसके बाद अमदरा कलारी (शराब दुकान) गये और वहाँ पर भी शराब खरीदकर पिये फिर चलकर झुकेही बागेश्वर ढाबा मे नहर के पास रूके वहां पर शिवेंद्र ने करीब डेढ पाव शराब गाड़ी में बैठकर पिया। आधा पाव शराब जो बचा था उसे गाड़ी में ही रख दिया।
परेशान करते हुए गालियां दे रहा था चालक
थोड़ा सा आगे चले तो अजय बोला गाड़ी में पेट्रोल नहीं है और गाडी को रोड़ के किनारे खड़ा कर दिया और शिवेंद्र को पेट्रोल लेने के लिए भेज दिया। शिवेंद्र पहले झुकेही बस्ती गया जहाँ पेट्रोल पम्प मिला तो फिर अजय ने उसे कटनी तरफ की रोड़ में भेजा। काफी दूर बाद एक पेट्रोल पम्प मिला जहाँ उसने एक बाटल पेट्रोल खरीदकर लाया व गाड़ी में डाला फिर शिवेंद्र को अजय ने पानी लाने को कहा तो शिवेंद्र ने परेशान होकर मना कर दिया। जब शिवेंद्र ने अजय को कहा कि अब चलो मुझे कटनी पहुंचाओ तब वह गाली देने लगा और विवाद करने लगा। बोला कि मैं नहीं जाऊगा फिर दोनो एम्बुलेन्स की लम्बी वाली सीट मे अलग अलग लेट गये। मगर अजय लगातार गाली दिये जा रहा था। गुस्से से उसका गम्छा लेकर फंदा बनाकर उसके गले में फंसाकर खीच दिया वह कुछ बोल नहीं पाया केवल तड़पता रहा और गमछे का दूसरा सिरा स्टेरिंग में खीचकर बांध दिया। थोडी देर में ही अजय शांत हो गया।
झाड़ियों में छिपाया मोबाइल
शिवेंद्र मृतक का मोबाईल और जेब में रखे पर्स को निकालकर वहां से पैदल शाहनगर रोड की ओर चला गया। रास्ते मे उसने मृतक अजय का मोबाईल व पर्स झाड़ियो में छिपा दिया। पर्स में 4500 रुपए थे जिन्हे लेकर वह पैदल कुछ दूर चल फिर आटो से बस स्टेण्ड कटनी आ गया। वहां से वह विकाश गुप्ता की अस्पताल गया जहां उसका जीजा और बडे पापा भर्ती थे। उसके बाद वह अपने गांव चला गया और खेत की मड़ैया में छिप गया।
कार्रवाई में निरीक्षक राजेन्द्र मिश्र, उप निरीक्षक के० के० सिंह, सहायक उप निरीक्षक तीरथ तेकाम, प्रधान आरक्षक अजय यादव, रामेश्वर सिंह, केशव मिश्रा, नन्दकिशोर अहिरवार, भगवत चौधरी, प्रशान्त विश्वकर्मा (सायबर सेल), आरक्षक सतेन्द्र सिंह, शिशिर पाण्डेय, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, अजय पाठक एवं अन्य स्टाफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।


